Aik Alif - एक अलिफ़ - Noori & Saieen Zahoor - Coke Studio Pakistan - नूरी और साईं ज़हूर - कोक स्टूडियो पाकिस्तान
Aik Alif - एक अलिफ़ -
Noori & Saieen Zahoor - Coke Studio Pakistan - नूरी और साईं ज़हूर - कोक स्टूडियो पाकिस्तान
इस गाने की शुरुवात बाबा बुल्ले शाह के एक सूफी कलम से होती है.
पढ़ पढ़ इल्म ते फ़ाज़िल होया
ते कदी अपने आप नू पढ़या ए ना
भज भज वड़ना ए मंदर मसीती
ते कदी मन अपने विच वड़या ए ना
लड़ना रोज़ शैतान दे नाल
ते कदी नफ़्स अपने नाल लड़या ए ना
बुल्ले शाह आसमानी उड़दिया फड़ोंदा ए
ये जेड़ा घर बैठा उनो फड़या ए ना
बस करीं ओ यार
इल्मों बस करीं ओ यार
एक अलिफ़ तेरे डरकार
अल्लाह साइयाँ, अल्लाह साइयाँ
नी मैं जाणा जोगी दे नाल
जो ना जाने हक़ की ताकत, रब ना देवे उसको हिम्मत
हम मन के दरिया में डूबे, कैसी नैया क्या मंझधार
बस करीं ओ यार
इल्मों बस करीं ओ यार
इल्मों बस करीं ओ यार
अल्लाह साइयाँ, अल्लाह साइयाँ
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